Sep 13, 2012

विस्मय का क्या समाधान ?

किसका सिंगार ? किसकी सेवा ?
नर का ही जब कल्याण नहीं ?
किसके विकास की कथा ? जनों के
ही रक्षित जब प्राण नहीं ?

इस विस्मय का क्या समाधान ?
रह-रह कर यह क्या होता है ?
जो है अग्रणी वही सबसे
आगे बढ़ धीरज खोता है।

Sep 6, 2012

ग़रीबी (Poverty)


जब भी कोई बात डंके पे कही जाती है !
न जाने क्यों ज़माने को अख़र जाती है !!

झूठ कहते हैं तो मुज़रिम करार देते हैं !
सच कहते हैं तो बगा़वत कि बू आती है !!

फ़र्क कुछ भी नहीं अमीरी और ग़रीबी में !
अमीरी रोती है और ग़रीबी मुस्कुराती है !!

माँ ! मुझे चाँद नही एक रोटी चाहिऐ !
बिटिया ग़रीब की रह - रहकर बुदबुदाती है !!

फुटपाथ सो गई थककर मेहनत कर के  !
इधर नींद कि खा़तिर हवेली छ्टपटाती है !!