Jun 24, 2012

तुम राम-कृष्ण वंशज हो !!


क्या जंग लगी तलवारों में, जो इतने दुर्दिन सहते हो!
राणा प्रताप के वंशज हो,क्यों कुल को कलंकित करते हो!!
आराध्य तुम्हारे राम-कृष्ण,जो कर्म की राह दिखाते थे!
जो दुश्मन हो आततायी, वो चक्र सुदर्शन उठाते थे!
श्री राम ने रावण को मारा, तुम गद्दारों से डरते हो!!
जब शस्त्रों से परहेज तुम्हे,तो राम राम क्यों जपते हो!
क्या जंग लगी तलवारों में,जो इतने दुर्दिन सहते हो!!

अंग्रेजों ने दौलत लूटी,मुगलों ने थी इज्जत लूटी !
दौलत लूटी, इज्जत लूटी, क्या खुद्दारी भी लूट लिया,
गिद्धों ने माँ को नोंच लिया,तुम शांति शांति को जपते हो!
इस भगत सुभाष की धरती पर,क्यों नामर्दों से रहते हो?
क्या जंग लगी तलवारों में जो इतने दुर्दिन सहते हो!!

हिन्दू हो,कुछ प्रतिकार करो,तुम भारत माँ के क्रंदन का!
यह समय नहीं है, शांति पाठ और गाँधी के अभिनन्दन का!!
यह समय है शस्त्र उठाने का,गद्दारों को समझाने का,
शत्रु पक्ष की धरती पर,फिर शिव तांडव दिखलाने का!!
इन जेहादी जयचंदों की घर में ही कब्र बनाने का,
यह समय है हर एक हिन्दू के,राणा प्रताप बन जाने का!
इस हिन्दुस्थान की धरती पर ,फिर भगवा ध्वज फहराने का!!